नींद की गोली
चैप्टर 10 नींद की गोली
अब तक आपने पढ़ा शौर्य श्रेया के बारे में पता लगाने के लिए कहता है श्रेया जॉब से रिजाइन कर देती है शौर्य बास्केटबॉल ने लड़की को हरा देता है वो लड़की उसे ढूंढते हुए उसके पीछे आती है
अब आगे
वो लड़की अवाज़ लगाती है "औए चैंपियन" उसकी अवाज़ सुन दोनों पलट जाते हैं वो लड़की उन दोनों के पास आ जाती है और कहती है "मैं बहुत अच्छा खेलती हूँ ,लेकिन इतना भी अच्छा नहीं की तुमसे जित जाउँ इसका मतलब तुम अपनी मर्जी से हारे हो ये तो मुझे मालूम है लेकिन क्यों ये मुझे नहीं मालूम".......
"शौर्य मुस्कुरा देता है तीनों उसे घुरने लगते हैं शौर्य कहता है किसने कहा मैं हारा हूं ,मैं तो जिता हूँ" तिनो कन्फ्यूज होकर शौर्य को देख रहे थे..... वो थोड़ा रुक कर कहता है..
"मैंन तूम्हारा वक्त जिता है वो वक्त जो तुम सिर्फ अपनी खास दोस्त को देती हो तो अब बताओ क्या मै हारा हूँ और अगर मैं हार भी गया तो क्या हुआ .".........
"चांद ने दिन का उजाला हारा,, चांदनी के लिए"
"सुरज ने रात का एहसास हारा,, किरण के लिए"
"खुदा ने खुदाई हारा,, जि़न्दगी के लिए"
"क्या मैं एक मैच नहीं,, हार सकता आशीकी के लिए,,, "
उसकी एसी शायरी सुन सिद्धार्थ अपने कंधे से शौर्य के कंधे को मारते हुए कहता है "वाह मेरे चैंपियन तु तो शायर हो गया" तभी वो लड़की कहती है "मिरा,,,, मिरा नाम है मेरा" और वहाँ से जाने लगती है ,तभी सिद्धार्थ पिछे से अवाज़ लगाता है "मैडम आपका नाम भी तो बता दो मिरा एकदम से पिछे पलटती है और कहती है तनूजा नाम है इसका कल मिलते हैं",,,,
शौर्य सोच तेज़ अवाज़ मे कहता है "सोच लो मिलने आवोगी ना" मिरा "चेहरा शौर्य की तरफ करके पिछे जाते हुए सोच लिया कल"....
"मिस मिरा कल हम ज़रूर मिलेंगे अगर तुम नहीं आई तो मैं तुम्हें उठा कर ले आउंगा तुम सिर्फ बर्बादी नहीं मोहब्बत हो मेरी"..........
"प्रेसेंट्"
शौर्य सोचता है "कहा हो तुम अगर तुम वही हो तो एसे क्यों हो मै एक दिन के लिए दुर गया था, एसा क्या हो गया उस एक दिन में जो आज इतना बदल गयी तुम वो सोचते सोचते सो जाता है.".....
"श्रेया का घर "
रात का 1 बज गया था लेकिन श्रेया को निंद नहीं आ रही थी वो रूम से बाहर आती है और किचन में पानी लेने चली जाती है ,आते वक्त उसकी नजर राहुल के कमरे की तरफ जाती है जहां लाइट जल रही थी, श्रेया उसके रूम में जाकर देखती है कि राहुल किताब पर सर रखके हाथ में पेन लिए सो रहा था, श्रेया उसे एसे देख उसे उसपर बहुत प्यार आ रहा था ,उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है लेकिन अगले ही पल रिहान को देख उसकी मुस्कान गायब हो जाती है, रिहान अपना प्रोजेक्ट बना रहा था लेकिन इस वक्त उसका खिला हुआ चेहरा मुरझाया हुआ लग रहा था।
श्रेया उसके पास जाती है ,और उसके सर पर हाथ रखके पुछती है "रिहान क्या हुआ सोना नहीं है" उसका सवाल सुन रिहान नज़र झुका लेता है फिर कहता है "वो प्रिंसेस जा रहा हूँ थोड़ी देर में" श्रेया उसे एसे देख पुछती है " क्या हुआ कोई बात है"
तो वो कहता है "नहीं प्रिंसेस थोड़ा काम है करके सो जाउंगा"
श्रेया कुछ कहती उससे पहले राहुल कहता है "माँ ये अपनी निंद की गोली घर पर भुल गया है इसलिए इसे निंद नहीं आ रही" उसकी बात सून श्रेया शोक्ड हो जाती है फिर रिहान से पुछती है"...
"रिहान क्या ये सच है"
रिहान घबराते हुए कहता है "नहीं प्रिंसेस.... एसा कुछ नहीं है ये कूछ भी बोलता है" और राहुल को इशारे से चुप रहने के लिए बोलता है तो राहुल चुप हो जाता है श्रेया रिहान के पास बैठ जाती है और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर पुछती है "क्या बात है तुम सिर्फ 14 साल के हो और निंद की गोली बिना तुम्हे नींद नहीं आती ,क्यों कोई बात है क्या बताओ मुझे"....
रिहान अपनी नज़र चुराते हुए कहता है "नहीं प्रिंसेस सब ठीक है"
श्रेया बहुत कोशिश करती है ,लेकिन वो कुछ नहीं बोलता उसे कुछ ना बोलता देख श्रेया वहाँ से जाने लगती है लेकिन दरवाजे के पास रूक के कहती है "रिहान मुझे लगता था मैं सच में तुम्हारी प्रिंसेस हूँ जिसे तुम अपना मानते हो, जिसे तुम अपनी सारी तकलीफ कह सकते हो ,मुझे नहीं मालूम था कि मेरे सामने भी तुम्हे दुनिया की तरह दिखावा करना पड़ेगा, तुम्हे तकलीफ में देखकर मुझे उतना ही बुरा लगता है जितना राहुल को ,तुम दुनिया से छुपा सकते हो मुझसे नहीं, मैं तुम्हारी वो दिखावे की मुस्कुराहट नहीं तुम्हारी आंखों को समझती हूँ ,लेकिन आज ये एहसास हो गया कि मैं पराई हूँ ना, तुम्हारी अपनी माँ नहीं, इसलिए तुम मुझे कुछ नहीं बताते" और फिर वो वहां से चली जाती है.......
रिहान को श्रेया की बात सुनकर बहुत बुरा लगता है तो वो श्रेया के कमरे की तरफ भागता है ,उसे एसे जाते देख राहुल भी उसके पिछे जाता है ,रिहान जाकर दरवाजा नॉक करता है तो अंदर से अवाज़ आती है "आ जाओ "
रिहान अंदर आ जाता है श्रेया बेड पर निचे पैर करके बैठी होती है रिहान उसके पैरों के पास घुटने पर बैठ जाता है और श्रेया का हाथ पकड़ के कहना शुरू करता है.".............
"मेरी माँ के जाने के बाद मै टुट गया था, लेकिन पापा ने संभाल लिया था फिर उन्होंने दुसरी शादी करली मुझे लगा मुझे माँ मिल गई ,लेकिन सिर्फ कुछ दिन ,उसके बाद उन्होंने मेरे साथ वो किया जो कोई जानवर के साथ भी ना करे"
अब रिहान रोने लगा था और श्रेया के हाथों पर रखे उसके हाथ कस गए थे और कांपने लगे थे उसकी एसी हालत देख राहुल उसके पास आ गया वो कुछ कहता उससे पहले ही श्रेया ने सर हिला कर उसे मना कर दिया
रिहान अभी भी बोल रहा था लेकिन उसकी अवाज़ कांपने लगी थी श्रेया खामोशी से उसे एकटक देख रही थी ,वो बोलता है "वो ना मुझे मारती थी बहुत मारती थी ,मुझे खाना भी नहीं देती थी कितने दिन तक कभी कभी तो जब पापा नहीं रहते तो अगर मैं सो जाता तो वो...... वो" अब रिहान कांपने लगा था और कुछ बोल नही पा रहा था.....
क्या हुआ है रिहान के साथ? क्या श्रेया ठीक कर पाएगी रिहान को ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी" मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:27 PM
Nice part
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अदिति झा
17-Jul-2023 12:01 PM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
17-Jul-2023 01:58 AM
👏👌
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